सक्ती क्राइम: दो भाईयों की मौत के रहस्य में उलझी पुलिस, साक्ष्य जुटाने टीम पहुंची घर

- पोस्टमार्टम के बाद दोनों युवकों का किया गया गृहग्राम तांदुलडीह में अंतिम संस्कार
- हत्या, आत्महत्या या प्राकृतिक मौत अभी स्पष्ट नहीं
सक्ती- जिले के ग्राम तांदुलडीह में उज्जैन के एक गुरू के अनुयायी परिवार के दो युवकों की मौत का रहस्य गहरा गया। छन कर यह बात सामने आ रही है कि कम से कम उपवास के कारण तो दोनों की मौत नहीं हुई है। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि विगत कई दिनों से पूजा पाठ व साधना का काम चल रहा था। घर के मां औ 5 बेटे बेटियों का परिवार गुरू पूर्णिमा के दिन से घर के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिए थे और साधना कर रहे थे। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि जिस प्रकार का कृत्य अंदर हुआ है वह बहुत कुछ पूराने जमाने में की जाने वाली सिद्धी की तरह लग रहा है। शुक्रवार को हुए दोनों युवकों के पोस्टमार्टम में मौत किस वजह से हुई है यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया लेकिन इतना तय है कि उपवास की वजह से तो मौत नहीं हुई है। यह मामला उलझता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि दोनों मृतकों में एक के शरीर में हल्के खरोच के निशान मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि कहीं दोनों ने जहरीले पदार्थ का सेवन तो नहीं कर लिया था। पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। दोनों युवकों का अंतिम संस्कार गांव में किया गया वहीं परिवार के अन्य सदस्यों को सक्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखा गया है।
गुरू पूर्णिमा की शाम से बंद थे घर में-
मिली जानकारी के मुताबिक परिवार की मुखिया किरीत बाई अपनी दो बेटियां अमरिका, चंद्रिका तथा बेटे विक्रम सिदार, विक्की सिदार व विशाल सिदार के साथ मौजूद थी। आस पास के ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सभी पूछा पाठ साधना कर रहे थे और गुरू पूर्णिमा की शाम से जय गुरूदेव, जय गुरूदेव चिल्लाने की आवाज आ रही थी जो दूसरे दिन गुरूवार सुबह तक आ रही थी। आसपास के लोग जब देखना चाहे कि अंदर क्या चल रहा है तो वे ग्रामीणों पर नाराज हो रहे थे और उन्हें चिल्ला रहे थे। अंततः गांव वालों ने उरगा में रहने वाली उस घर की बेटी को बुलाया और किसी तरह दोपहर तक दरवाजा खुलवाया जा सका था। दो भाईयों की मौत का पता चलते ही पुलिस को सूचना दी गई और टीम गांव पहुंच कर मृतकों को सक्ती लाई और अन्य सदस्यों को भी अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया।
मौत की वजह स्पष्ट नहीं-
दोनों भाईयों विक्रम और विक्की की मौत की असल वजह क्या है यह अभी तक पता नहीं चल सका है। पोस्टमार्टम करने से यह बात स्पष्ट है कि भूख की वजह से तो इनकी मौत नहीं हुई है। पुलिस के आला अधिकारी मौके का निरीक्षण करने पहुंचे थे वहां से पूजा पाठ की सामग्री, पठन सामग्र तथा कुछ रूटिन की दवाईयां मिली है। मौत का कारण क्या हो सकता है? मौत कैसे हुई है वह तो परिवार के 4 अन्य सदस्य जो घर में मौजूद थे वे ही बता सकते हैं। पुलिस ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है। परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की जा रही है। क्योंकि दोनों मृतकों के अलावा घर के अंदर वे चारों ही थे अन्य बाहरी व्यक्तियों का यहां आना जाना नहीं हुआ है।
क्या कहते हैं पीएम करने वाले बीएमओ डॉ. सूरज राठौर-
पीएम में स्पष्ट अभिमत नहीं दिया जा सकता। फारेंसिक लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि मौत किस कारण से हुई है। बाहरी तौर पर बॉडी में किसी भी प्रकार की चोट नहीं है। एक के शव में खरोचने का नाखून का निशान छाती में है। लेकिन ये मौत के कारण नहीं हो सकते। चिकित्सक बीएमओ डॉ सूरज राठौर ने बताया कि बताया जा रहा था कि मौत का कारण भूख है तो भूख से मौत तो नहीं हुई है। उनके घर में भी भोजन बना था। घर में रखी हुई चीजों की जांच के सैम्पल भी रखे गए हैं। पॉयजन होने की संभावना रिपोर्ट होने के बाद ही कुछ पता चलेगा। अन्य सदस्यों की मानसिक स्थिति और शारीरिक रूप से भी सभी सदस्यों की स्थिति भी स्वस्थ हैं। चिल्लाने और बार बार एक रट लगाने से उनके मानसिक संतुलन बिगड़ने की बात नहीं हो सकती।
कुछ अनसुलझे सवाल-
- जब सभी सदस्यों की मानसिक स्थिति ठीक है तो सभी संतुलन बिगड़ने का ढोंग क्यों कर रहे हैं?
- प्रथम दृष्टया मामला जहरीले पदार्थ के सेवन से मौत का लग रहा है। यदि ऐसा है तो जहर क्यों, कब और कैसे दिया गया?
- संदिग्ध परिजन गांव वालों से कहते रहे ’’ तुम लोगों ने खलल न डाला होता तो दोनों उनकी सिद्धी से जिंदा हो जाते।
- जहर सेवन किया तो उल्टी होनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ?
- एक के शरीर में नाखून से खरोचने के निशान मिले हैं छाती में, तो क्या उन्होनें संघर्ष किया था?
– आखिर मौत कैसे हुई ? हत्या है या आत्महत्या यह मौत के दो दिनों बाद भी बना हुआ है यक्ष प्रश्न।
एफएसएल और डॉक्टर्स की टीम द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया है। कई सेंपल लिए गए हैं। टेस्ट किए जाएंगे। ग्रामीणों तथा परिजनों से पूछताछ की जा रही है। दैनिक जीवन की दवाईयां, पूजा सामग्री मिली है। जांच में हम आगे बढ़ रहे हैं। हत्या है या आत्महत्या है। विशेषज्ञों की राय के बाद ही उचित अभिमत देना उचित होगा।
मनीष कुंवर