सक्ती में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की कवायद तेज,सांसद प्रतिनिधि की सीएमएचओ से मुलाकात, जल्द हो सकती है अस्थायी जिला चिकित्सालय की घोषणा

सक्ती। सांसद कमलेश जांगड़े के निर्देश पर उनके प्रतिनिधि संजय रामचंद्र ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. पूजा अग्रवाल से मुलाकात कर सक्ती क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक में अस्पतालों की वर्तमान स्थिति, आवश्यक संसाधन, जनसुविधाओं का विस्तार और भविष्य की योजनाओं को लेकर ठोस सुझाव रखे गए।
अस्थायी जिला चिकित्सालय की दिशा में पहल
संजय रामचंद्र ने कहा कि सक्ती को अस्थायी जिला चिकित्सालय घोषित करने की दिशा में कार्य तेजी से चल रहा है। सांसद की पहल से यह घोषणा शीघ्र होने की संभावना है। इससे न केवल क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि गंभीर मरीजों को बड़े शहरों में रेफर करने की आवश्यकता भी काफी हद तक कम हो जाएगी।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ अधिक लोगों तक
बैठक में आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र लाभार्थियों का पंजीयन और कार्ड वितरण तेज करने पर जोर दिया गया। इसके लिए विशेष कैंप लगाने का सुझाव दिया गया, ताकि अधिक से अधिक लोग समय पर योजना का लाभ ले सकें। यह भी तय किया गया कि पहले चरण में नगर पालिका क्षेत्र से ही शिविर की शुरुआत की जाएगी।
चिरायु योजना पर विशेष ध्यान
चिरायु योजना के तहत स्कूली बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बीमारियों की रोकथाम और सतत निगरानी पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई। स्कूल स्तर पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर बच्चों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को अपडेट करने और जरूरतमंदों को समय पर इलाज उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव रखा गया।
अस्पताल प्रबंधन में सुधार के सुझाव
सांसद प्रतिनिधि ने अस्पतालों में सुधार के लिए कई ठोस सुझाव दिए—
24 घंटे डॉक्टरों और आवश्यक स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित हो।
सभी सेवाओं और दरों की जानकारी सूचना पट्ट पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाए। दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों से मरीजों को अस्पताल तक लाने और वापस घर भेजने के लिए नियमित परिवहन सुविधा उपलब्ध हो। मरीजों को समय पर पौष्टिक भोजन दिया जाए और उसकी गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए।साफ-सफाई, पीने के पानी और दवाओं की उपलब्धता पर लगातार निगरानी रखी जाए।
स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार पर जोर
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि भविष्य में अस्पतालों में आधुनिक उपकरण, विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति, अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था और आपातकालीन सेवाओं के लिए अलग वार्ड बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को भी मजबूत बनाने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवा व उपकरणों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।