प्रकृति से जुड़ाव ही श्रेष्ठ समाज की पहचान – श्रेष्ठ भारत संस्थान के पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल हुए सीईओ वासु जैन

तेंदूटोहा में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की रही सक्रिय भागीदारी, ग्रामीणों में दिखा पर्यावरण संरक्षण का उत्साह
सक्ती। ग्राम पंचायत तेंदूटोहा में श्रेष्ठ भारत संस्थान के तत्वावधान में भव्य पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। गोठान परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों पौधे लगाए गए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला पंचायत सीईओ आईएएस वासु जैन ने स्वयं पौधारोपण कर संस्थान के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि “पर्यावरण संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। श्रेष्ठ भारत संस्थान जिस लगन और प्रतिबद्धता से यह कार्य कर रहा है, वह समाज के लिए प्रेरणादायक है। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की एकजुटता मुख्य अतिथि वासु जैन ने अपने संबोधन में कहा कि “प्रकृति से जुड़ाव ही श्रेष्ठ समाज की पहचान है। पौधारोपण केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए हरियाली और जीवन देने वाला संकल्प है। हमें सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि उनकी देखभाल भी उतनी ही आवश्यक है।”

बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की उमंग –
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें गाँव के छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। महिलाएं भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं और उन्होंने पौधारोपण में सक्रिय भूमिका निभाई। ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि “पेड़-पौधे हमारे परिवार के सदस्य जैसे हैं, उनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।” इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह ने पौधों को संरक्षित करने और उनकी नियमित देखभाल का संकल्प भी लिया।

ग्राम प्रतिनिधियों और संस्थान की भूमिका –
इस अवसर पर ग्राम पंचायत तेंदूटोहा के सरपंच अग्नि सिदार एवं लक्ष्मी नारायण सिंह ने संस्थान की पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम गाँव में सामाजिक एकजुटता और जागरूकता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। श्रेष्ठ भारत संस्थान के संस्थापक सदस्य बृजेश शर्मा ने संस्थान के उद्देश्य और कार्यप्रणाली की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि “हमारा लक्ष्य शिक्षा और पर्यावरण को साथ लेकर चलना है। बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी पैदा कर एक हरित और स्वस्थ समाज का निर्माण करना ही संस्थान का मुख्य ध्येय है।”वरिष्ठ सदस्य बजरंग अग्रवाल ने मुख्य अतिथि को संस्थान की आगामी योजनाओं से अवगत कराया। वहीं सदस्य रोहित कनौजिया ने कहा कि “पेड़ों के संरक्षण की सबसे बड़ी कुंजी बच्चों की भागीदारी है। जब बच्चे पौधों से जुड़ाव महसूस करेंगे, तभी वे उन्हें बड़ा और सुरक्षित बना पाएंगे।”

ग्रामीणों की बड़ी भागीदारी
कार्यक्रम में गाँव के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। भरत राठौर, श्याम कुमार राठौर, टीपी उपाध्याय, सुमित शर्मा, कमल, विजय साहू सहित कई गणमान्य नागरिकों ने न सिर्फ पौधे लगाए बल्कि उनके संरक्षण का संकल्प भी लिया।