सक्ती: विधानसभा चुनाव के बाद भाजयुमो नगर अध्यक्ष युवा नेता गौतम शर्मा का इस्तीफा, अंतर्कलह आई सामने, मंत्री ने भी छोड़ा पद, महामंत्री कल दे सकते हैं अपने पद से त्यागपत्र

- वरिष्ठ नेताओं पर लगाया दुर्व्यवहार और अनदेखी करने का आरोप
- युवा नेताओं को सम्हाल पाने में भाजपा नाकाम
सक्ती। विधानसभा चुनाव के बाद सक्ती में भाजपा को झटका लगा है। भाजयुमो नगर अध्यक्ष गौतम शर्मा ने वरिष्ठ नेताओं पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ मंत्री अभिषेक गबेल ने भी अपना पद छोड़ दिया है।बताया जा रहा है भारतीय जनता युवा मोर्चा के महामंत्री भी अपना पद त्याग सकते हैं।

चुनाव संपन्न होने के बाद जिस प्रकार भाजपा को अंतर्कलह सामने आ रही है उसने कई प्रकार के सवाल खड़े कर दिए हैं। गौतम शर्मा ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि भाजपा को हम सक्ती में मजबूत करने की दिशा में काम करते रहे लेकिन जिस प्रकार पार्टी नेताओं का साथ एक कार्यकर्ता को मिलना चाहिए वह नहीं मिला। स्थानीय नेताओं के कारण लगातार पार्टी कार्यकर्ता अपने आप को निराशा ने कार्य करने को मजबूर है।

चुनाव में हुई बातों के कारण जिस प्रकार भाजयुमो नगर अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है उसने कई प्रकार के प्रश्न सुलगा दिए हैं? ऐसे में यह सोचना लाजमी है कि भाजपा से युवा नेता खफा हुए हैं तो कहीं इसका असर परिणाम में देखने को तो नहीं मिल जायेगा। जिस प्रकार पार्टी के अंदरखाने में खलबली मची है उसने भी एक बार सोचने को मजबूर कर दिया है।
पहले भी लग चुकी है इस्तीफे की झड़ी –
विगत कुछ समय पूर्व भाजपा के नगर मंडल अध्यक्ष भाजपा नेता रहे भवानी प्रसाद तिवारी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी छोड़ दी थी। इससे पहले पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नरेश गेवाडिन, संजय कश्यप भी पार्टी छोड़ चुके हैं। नरेश गेवाडीन और भवानी तिवारी वर्तमान में कांग्रेस पार्टी में हैं। जबकि संजय किसी के नहीं।
समाजसेवा और तेज तर्रार युवा नेता के रूप में पहचान है गौतम शर्मा की –
गौतम शर्मा तेज तर्रार नेता के तौर पर अपनी पहचान क्षेत्र में बना चुके हैं। समाज सेवा के क्षेत्र में सदा अग्रणी रहने वाले गौतम को जिला प्रशासन के द्वारा उनके नेक कार्यों के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। उनकी खासकर क्षेत्र के युवाओं में खासी पैठ देखी जाती है ऐसे युवा नेता का भारतीय जनता पार्टी को छोड़ देना समझ से परे है।
युवा नेताओं की कमी से जूझ रही सक्ती भाजपा –
आखिरकार भाजपा से जो भी इस्तीफा देता है वह वरिष्ठ नेताओं पर ही अनदेखी और दुर्व्यवहार का आरोप लगाता है। वैसे भी स्थानीय भाजपा युवा नेताओं की कमी से जूझ रही है ऐसे में भाजपा की दिशा और दशा क्या होगी यह 3 दिसंबर को स्पष्ट हो जाएगा।