जिला अस्पताल बनाए जाने का मुद्दा गरमाया, चक्काजाम के साथ धरना प्रदर्शन से आमजन हुए हलकान, स्थानीय प्रशासन द्वारा लिखित में 10 दिवस के भीतर इस मुद्दे मे उचित निर्णय लेने का दिया

सक्ती । सक्ती जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत टेमर के बैरियर चौक में जिला मुख्यालय जाने वाली मुख्य मार्ग पर ग्रामीणों सहित क्षेत्रवासियो द्वारा टेमर में जिला अस्पताल बनाए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया और दिनांक 16 अप्रैल की सुबह से चक्काजाम कर दिया गया, जिस वजह आवागमन पूर्ण रूप से प्रभावित होने से आमजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया और उन्हें लिखित में आश्वासन दिया कि 10 दिनों के भीतर इस मुद्दे पर उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद, ग्रामीणों ने चक्का जाम समाप्त कर दिया। इस दौरान स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी सहित पुलिस प्रशासन दल बल के साथ मौजूद थे, जिन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने में मदद की।
इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि जिला अस्पताल टेमर में बनाए जाने की स्वीकृति शासन प्रशासन द्वारा की जा चुकी थी। इसके लिए भूमि निर्धारित करने सहित संपूर्ण तैयारी भी की जा चुकी थी, पर एकाएक कलेक्टर द्वारा राजनीतिक दबाव में आकर टेमर की जगह सकरेली में जिला अस्पताल बनाए जाने की घोषणा कर दी गई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश उत्पन्न हो गया और उनके द्वारा टेमर में ही जिला अस्पताल बनाए जाने की मांग की गई। जिसके लिए कई बार कलेक्टर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी लिखित में आवेदन दिया गया, लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं देने के कारण मजबूरन उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा। हालांकि प्रशासनिक समझाइए कर 10 दिवस के भीतर इस मुद्दे पर उचित निर्णय लिए जाने की आश्वासन के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया है।
आमजन हुए परेशान –
जिला मुख्यालय जाने वाली मुख्य मार्ग में चक्काजाम किए जाने से आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस चक्काजाम के कारण यातायात पूर्ण रूप प्रभावित हुआ, बड़ी-बड़ी वाहनों सहित मोटरसाइकिल एवं सायकल तक को आने-जाने से रोक दिया गया था जिससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुँचने में कठिनाई हुई।
ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर यह कदम उठाया, जिससे प्रशासन को उनकी समस्याओं पर ध्यान देने के लिए मजबूर होना पड़ा। चक्काजाम के दौरान कई लोग, विशेषकर नौकरीपेशा लोग, समय पर अपने कार्यस्थल पर नहीं पहुँच सके।
धरना प्रदर्शन में ग्रामीण ने दिखाई एकजुटता-
धरना प्रदर्शन के दौरान सकड़ों ग्रामीणों ने एक स्वर मे नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे फिर से आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है।