बाराद्वार

मुक्तिधाम नहीं, टीन जुगाड़ कर किसी तरह कर रहे अंतिम संस्कार, आखिर कौन सुने ग्राम रिस्दा के लोगों की व्यथा

टीन का शेड बनाकर अंतिम संस्कार करने को मजबूर

पंकज जिंदल, बाराद्वार – ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम नहीं होने के कारण ग्रामवासीयों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड रहा हैं। जीवन के अंतिम पडाव के बाद मृत्यु उपरांत अंतिम संस्कार करने के लिए ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम नही होने के कारण बारीश के दिनों में ग्रामवासीयों को नदी किनारे जूगाड से टीन का शेड बनाकर अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर हैं। गांव में शेउ निर्माण के साथ मुक्तिधाम नही होने के कारण ग्रामवासीयों को परेशानियों का सामना करना पड रहा हैं। ग्राम रिस्दा सरपंच लता सरोज यादव ने बताया कि गांव में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही हैं, जिसे आज तक पूरा नही होने के कारण किसी भी ग्रामीण की मृतयु होने पर उसके अंतिम संस्कार में भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा हैं, खासकर अभी बारीश के दिनों में जूगाड से वैकल्पिक टीन शेड का निर्माण कर अंतिम संस्कार करना पड रहा हैं।

लगातार की जा रही है मुक्तिधाम निर्माण की मांग —

ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण की मांग ग्रामीणों एवं मेरे द्वारा लगातार की जा रही हैं, इसके अलावा क्षेत्रिय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष डाॅ चरणदास महंत जी से भी मेरे एवं हम ग्रामवासीयों द्वारा मिलकर ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण की मांग की गई थी, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डाॅ चरणदास महंत ने 22 मार्च 2022 को कलेक्टर जांजगीर को पत्र लिखकर डीएमएफ फंड से ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण के लिए 5 लाख रूपये स्वीकृत किये जाने की अनुशंसा की गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण के लिए डीएमएफ मद से 5 लाख रूपये की स्वीकृती दे दी गई हैं, लेकिन विभागीय कागजी कार्यवाही एवं अधिकारीयों उदासिन रवैयये के कारण आज तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया हैं, ऐसे में ग्रामवासीयों को इसका खामियाजा भूगतना पड रहा हैं। इस बारीश में भी ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण नही होने के कारण लोगो को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में भारी अब्यवस्था के बीच उन्हें आखरी बिदाई दी जा रही हैं। पिछले 10 दिनों में ग्राम रिस्दा में 2 लोगो की मृत्यु हुई है, जिन्हे सोन नदी के किनारे जुगाड कर वैकल्पिक टीन शेड बनाकर अब्यवस्था के बीच ही अंतिम संस्कार किया गया हैं, जिससे गांव के लोगो में रोष हैं। ग्राम रिस्दा के लोगो ने अविलंब ग्राम रिस्दा में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण की मांग की हैं, ताकि मरने के बाद उनके परिजनों का अंतिम संस्कार वे अच्छे ढंग से सम्मानपूर्वक कर सकें।