किसान वर्ग अनेक गंभीर समस्याओं से जूझ रहा, शासन-प्रशासन नहीं उठा रहा समाधान हेतु कोई प्रभावी कदम,भारतीय किसान संघ ने सौंपा ज्ञापन

मालखरौदा। भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ तहसील इकाई के जिला अध्यक्ष रमाकांत चंद्रा के नेतृत्व में किसानों के हितार्थ में छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री शासन के नाम पर तहसीलदार को ज्ञापन सोपा गया है| जिसमें किसानों की विभिन्न समस्याओं का त्वरित निराकरण करने की मांग की गई है| संघ के पदाधिकारी ने ज्ञापन में कहां है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने “किसान हित” को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और “मोदी की गारंटी” को लागू करने का आश्वासन देकर कार्यभार संभाला था। किंतु विगत एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी किसानों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में किसान वर्ग अनेक गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, किंतु शासन-प्रशासन की ओर से समाधान हेतु कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। जिसको देखते हुए किसानों के हितार्थ के लिए प्रमुख मांग की गई है
किसानों की प्रमुख मांग में खाद की कालाबाजारी पर रोक और समितियों में खाद की सुनिश्चित उपलब्धता| वही सहकारी समितियों में खाद की उपलब्धता न के बराबर है इस कारण किसान खाद न मिलने से परेशान है। वहीं बहुत से निजी कृषि केंद्रों में खाद अधिक दामों पर विक्रय की जा रही है। कई स्थानों पर निजी कंपनियों द्वारा ख़राब गुणवत्ता की खाद किसानों को बेचे जाने की भी शिकायत मिली है। यह स्थिति प्रशासन व संबंधित अधिकारियों की उदासीनता और दुकानदारों से मिलीभगत की ओर संकेत करती है। वही सभी सहकारी समितियों में खाद की निर्बाध और भरपूर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए एवं अधिक दाम पर और खराब गुणवत्ता की खाद बेचने वालों पर कठोरतम कारवाई की जाये। 2. धान के समर्थन मूल्य में वृद्धि का लाभ किसानों को मिले| केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष धान के समर्थन मूल्य में आरएस117/क्विंटल तथा इस वर्ष आरएस69/क्विंटल की वृद्धि की है, किंतु यह लाभ किसानों को अब तक नहीं मिल पाया है।
मांग में कहा की समर्थन मूल्य में हुई कुल वृद्धि (आरएस186/क्विंटल) का लाभ किसानों को इस वर्ष के धान विक्रय में अवश्य दिया जाए। पिछली सरकार की धान की बकाया चौथी किश्त की राशि का भुगतान पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दी जाने वाली किसानों को थान विक्रय की चौथी किश्त की राशि, जिसे वर्तमान सरकार ने भी पूर्ण करने का आश्वासन दिया था, अभी तक किसानों को प्राप्त नहीं हुई है। वही चौथी किश्त की बकाया राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया जाए। फसल विविधीकरण हेतु कृषक प्रोत्साहन राशि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दलहन तथा तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती थी जिसे वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है। किसानों को 20000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दलहन तथा तिलहन उत्पादन के लिए प्रदान की जाये। इस सभी मांग को रखते हुए भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ ने मुख्यमंत्री से अपेक्षा करतें किसानों प्रमुख मांगों को गंभीरता से लेने तथा त्वरित निराकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की गई है ताकि राज्य सरकार वास्तव में किसान हितैषी सरकार होने की छवि को स्थापित कर सकें।