वादे की सगाई, मदद की विदाई: हर बेटी की शादी में 5000 हजार रुपये, चौथी कसम निभाई, सरपंच शंकरलाल बोले – ‘चुनाव खत्म, मगर फर्ज नहीं, जहाँ बेटियाँ होती हैं सशक्त, वहाँ समाज होता है समृद्ध

अड़भार | चुनावी वादे अक्सर कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं, लेकिन ग्राम पंचायत चरौदा के सरपंच शंकरलाल सिदार ने यह साबित कर दिया कि अगर नीयत साफ हो तो किए गए वादों को निभाया भी जा सकता है। पंचायत चुनाव के दौरान शंकरलाल सिदार ने घोषणा पत्र जारी कर संकल्प लिया था कि यदि वे सरपंच निर्वाचित होते हैं, तो गांव की बेटियों की शादी में 5000 हजार रुपये व इसके अतिरिक्त 50 किलो चावल की आर्थिक सहायता देंगे| अब उन्होंने अपने इस वादे को अमल करतें हुए ग्राम की बेटियों की शादी में स्वयं उपस्थित होकर उसे 5000 रुपये नगद भेंट कियें जा रहे है। सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि उन्होंने शादी समारोह में शरीक होकर परिवार की खुशियों में भी सहभागिता निभाते है| सरपंच नियुक्त होने के बाद पुनीराम बरेठ की बेटी राखी बरेठ, घसियाराम साहू की बेटी सुनिता साहू सहित पिछले दो अन्य बेटी की शादी में शामिल होकर नगद सहित चावल की सहयोग प्रदान कियें है| इस पहल की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है, क्योंकि अक्सर चुनाव के बाद जनप्रतिनिधि जनता से दूर हो जाते हैं, लेकिन शंकरलाल सिदार ने जनता के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखा है।
सरपंच संकल्प – पाँच साल तक निभाएंगे अपना वादा
सरपंच ने कहा कि उन्होंने यह वादा केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं किया था, बल्कि यह उनका नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगले पाँच सालों तक चरौदा पंचायत में जहां भी बेटी की शादी होगी, वे अपनी ओर से पांच हजार रुपये व साथ में अतिरिक्त 50 किलो चावल की आर्थिक सहायता जरूर देंगे।
गांव वालों ने सरपंच की पहल को सराहा
ग्रामवासियों का कहना है कि शंकरलाल सिदार सिर्फ सरपंच नहीं, बल्कि एक सच्चे जनसेवक के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी इस पहल से गाँव के लोगों में खुशी की लहर है। ग्रामवासियों सहित पंचो ने इस नेक पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि यह कदम अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा।
सरपंच का संदेश – बेटियाँ हैं सम्मान की प्रतीक
सरपंच ने कहा, “बेटियाँ सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की शान होती हैं। उनके विवाह में सहयोग देना मेरा फर्ज है। जब तक मैं सरपंच हूं, इस वादे को निभाता रहूंगा।”गांव में इस पहल की हर तरफ तारीफ हो रही है और लोग इसे सरपंच की नेकदिली और समाजसेवा की सच्ची मिसाल मान रहे हैं।