सक्ती जिलासक्ती नगर

हमर संगी सेवा समिति ने तुर्रीधाम में किया भंडारा

सावन के अंतिम सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं को वितरित किया गया खीर-पूड़ी और खिचड़ी का प्रसाद

बेल्हाडीह (सक्ती)। धार्मिक आस्था और सेवा भावना का एक अनुपम संगम देखने को मिला सक्ती के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तुर्रीधाम में, जहां हमर संगी सेवा समिति द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन के अंतिम सोमवार को विशाल भंडारे का आयोजन कर श्रद्धालुओं को खीर, पूड़ी और खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया।

सक्ती नगर से 13 किलोमीटर दूर नगरदा-चांपा मार्ग पर स्थित डोंगाआमा (बासीन) गांव के पास स्थित तुर्रीधाम अपनी पौराणिक, धार्मिक और प्राकृतिक विशेषताओं के लिए विशेष पहचान रखता है। यह स्थल सक्ति रियासत के राजा लीलाधर द्वारा स्थापित है और यहां स्थित शिवलिंग पर निरंतर बहता प्राकृतिक जलप्रवाह आज भी एक रहस्य बना हुआ है। यही जलधारा इसे “तुर्री” नाम प्रदान करती है, जिसका अर्थ छत्तीसगढ़ी में होता है जलप्रवाह।

यह धार्मिक स्थल सावन और महाशिवरात्रि जैसे पावन अवसरों पर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। लोग यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान भोलेनाथ का पूजन-अर्चन करते हैं और जलधारा का गंगाजल तुल्य आचमन कर स्वयं को पुण्य से अभिसिंचित मानते हैं।

सेवा में जुटे युवा, श्रद्धालुओं ने सराहा-

दिनांक 4 अगस्त 2025 को आयोजित इस भंडारे में हमर संगी सेवा समिति के समर्पित सेवाभावी युवाओं ने तन-मन-धन से सहयोग प्रदान करते हुए सेवा भाव का परिचय दिया। समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं को प्रेमपूर्वक प्रसाद वितरित किया।

इस आयोजन को सफल बनाने में दुर्गेश साहू, संजीव साहू, अविनाश साहू, रवि शंकर साहू, चंदूलाल साहू, यशवंत यादव, दिनेश कुमार साहू (पत्रकार), गौतम तिर्की, सतीश कंवर, हेमंत साहू, सुरेश रजक, महेंद्र चंद्रा, रूपनारायण साहू, दिनेश साहू, कृष्णा साहू, कार्तिक यादव, हिलेश्वर साहू, कांतिलाल साहू, द्वारिका प्रसाद चंद्रा, मनोज साहू, दुर्गा साहू, गोविंद साहू, प्रदीप राठौर, पवन हेमंत पटेल, सत्येन्द्र चौहान और गणेशराम साहू सहित सभी कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भोलेनाथ को अर्पित की गई कृतज्ञता-

भंडारा कार्यक्रम की सफलता के पश्चात समिति ने सभी श्रद्धालुओं को धन्यवाद ज्ञापित किया, जिन्होंने आकर सेवा का अवसर प्रदान किया। साथ ही इस आयोजन के सफल संपन्न होने पर भगवान भोलेनाथ को प्रणाम कर उनका आभार प्रकट किया।

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