सक्ती जिला

सक्ती विधानसभा: नए चेहरे पर लगेगा दांव या पुराने को फिर मिलेगा मौका! नब्ज टटोलने कोई कसर नहीं छोड़ रही बीजेपी

हर रणनीति पर बारीकी से काम कर रही भारतीय जनता पार्टी

सक्ती। भारतीय जनता पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। चेहरों में दमदारी के अलावा राजनीतिक गणित भी ठीक बैठे इसके लिए भी भाजपा के दिग्गज नेताओं के द्वारा कसरत करना जारी है। हर उन समीकरणों को तलाशा जा रहा है जिससे भारतीय जनता पार्टी सक्ती में अपना परचम लहरा सके। क्योंकि यहां चुनौती आसान नहीं है विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरण दास महंत पिछले चुनाव में लगभग 30 हजार से भी अधिक वोटों से यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे और विधानसभा अध्यक्ष बनकर उन्होंने सक्ती को जिला भी बनवा दिया जिसका श्रेय कांग्रेस लेने में पीछे नहीं हटेगी। भाजपा के कद्दावर नेता जानते हैं की सक्ती को जीतना उनके लिए आसान नहीं होगा केवल टिकट देकर एक चेहरे को सामने लाने से ही फतह हासिल नहीं होगी बल्कि उन तमाम समीकरणों पर भी काम करना होगा जो जीत दिलाने में अहम साबित हो सकते हैं।

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Your voice: सीट एनालिसिस विधानसभा सक्ती

यही कारण है कि लगातार बड़े नेताओं का सक्ती आना-जाना लगा हुआ। रमन सरकार में तीनों टर्म में मंत्री रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष के मुखर विरोधी रहने वाले राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह से मुलाकात करने पीला महल पहुंचे जैसे ही पीले महल पहुंचे सक्ती की राजनीति में गर्माहट देखने को मिली।

विधानसभा चुनाव आते ही महल का महत्व भी उतना ही बढ़ जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जिसे भी चुनाव जीतना है उसे महल का सपोर्ट बहुत जरूरी है इसके बिना जीत संभव नहीं मानी जाती है। इस बार खास बात यह है कि महल को एक समय में कद्दावर कांग्रेसी नेता रहे क्षेत्र के पंडित देवेंद्र नाथ अग्निहोत्री का भी साथ मिला हुआ है इसलिए माना जा रहा है कि महल इस समय और भी मजबूत होकर सामने आया है। यदि भारतीय जनता पार्टी महल को साधने में सफल होती है तो निश्चित तौर पर यह कांग्रेस के लिए एक चुनौती बनकर सामने आएगा। राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के उत्तराधिकारी राजा धर्मेंद्र सिंह पंडित देवेंद्र नाथ अग्निहोत्री के साथ मिलकर विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरण दास महंत के विरुद्ध बिगुल फूंके हुए हैं। अब देखना होगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।

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बृजमोहन अग्रवाल का पीला महल में स्वागत करते सक्ती राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह

रविवार को पाटन विधानसभा से बीजेपी के उम्मीदवार तथा दुर्ग से सांसद विजय बघेल सक्ती पहुंचे और उन्होंने व्यापारियों से चर्चा की ताकि घोषणा पत्र को और सशक्त बनाया जा सके। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में सक्ती विधानसभा के लिए असम से विधायक को भी भेजा हुआ है जो लगातार ग्रामीण क्षेत्र में घूम कर भाजपा की स्थिति से अवगत हो रहे हैं और मतदाता क्या चाहता है ? उसकी नब्ज टटोल रहे हैं।

भाजपा के इन चेहरों में एक को टिकट मिलने की है संभावना –

  1. डॉक्टर खिलावन साहू

2013 में भारतीय जनता पार्टी की टिकट से चुनाव जीतने वाले डॉक्टर खिलावन साहू को भाजपा ने 2018 में टिकट नहीं दिया था। समाज और संगठन में अच्छी पकड़ रखने वाले डॉक्टर खिलावन साहू इस बार भी टिकट के लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

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डॉ खिलावन साहू

वर्तमान में डॉक्टर खिलावन साहू, साहू समाज के जिला अध्यक्ष हैं। साथ ही प्रदेश पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के महामंत्री भी हैं। क्षेत्र में उनकी सक्रियता लगातार बनी हुई है।

  1. श्रीमती विद्या सिदार

श्रीमती विद्या सिदार को इस बार भारतीय जनता पार्टी यदि अपना प्रत्याशी बनती है तो इसमें कोई आश्चर्यजनक बात नहीं होगी क्योंकि लगातार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर उन्होंने क्षेत्र में जो छाप छोड़ी है उसे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं और जिस तरह उन्होंने अपनी सामाजिक और राजनीतिक गतिविधि में सक्रियता दिखाई है।

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श्रीमती विद्या सिदार

वर्तमान में श्रीमती विद्या सिदार जिला पंचायत सभापति हैं। केंद्रीय संगठन ने उन्हें मध्य प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चा का सह प्रभारी बनाया हैं। विद्या सिदार की भी संगठन में अच्छी खासी पकड़ है।

  1. टिकेश्वर गबेल

वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य टिकेश्वर गबेल जिला भाजपा महामंत्री हैं। पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनने वाले टिकेश्वर भी भाजपा की टिकट के इस बार प्रबल दावेदार के रूप में देखे जा रहे हैं।

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टिकेश्वर गबेल

क्षेत्र में उनकी सक्रियता ने उनकी दावेदारी को काफी मजबूत किया है। वे भाजपा के किसान नेता प्रीतम सिंह गबेल के भतीजे हैं। अब देखना होगा कि राजनीति में उनके सितारे कितने बुलंद होते हैं।

  1. श्रीमती उमा राजेंद्र राठौर

सिवनी क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य के रूप सेवा दे रही श्रीमती उमा राजेंद्र राठौर बीजेपी का एक प्रमुख चेहरा है। राठौर समाज से होने के कारण उनकी दावेदारी और मज़बूत हुई है।

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श्रीमती उमा राजेंद्र राठौर

कांग्रेस भी राठौर समाज को खासा महत्व देती आई है। 2003, 2008 और 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने राठौर समाज के प्रत्याशी पर दांव लगाया था। अब बीजेपी की ओर से राठौर समाज का एक चेहरा उमा राजेंद्र राठौर के तौर पर उभर कर सामने आया है।

  1. प्रेम लाल पटेल

भाजपा ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष प्रेमलाल पटेल वर्तमान में हरदिहा पटेल मरार समाज के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस समाज के मतदाताओं की संख्या सक्ती विधानसभा में अच्छी खासी है।

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प्रेम लाल पटेल

इनकी धर्मपत्नी जनपद पंचायत सक्ती में उपाध्यक्ष हैं। लगातार सक्रिय है। अब देखना होगा की टिकट की रेस में वे जीतते हैं या नहीं ।

  1. कृष्ण कुमार गबेल

पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं 2013 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कृष्णकुमार गबेल ने भी भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। विदित हो की वे पहले कांग्रेस में थे महत्व नहीं मिलने के कारण भाजपा ज्वाइन किया था।

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कृष्ण कुमार गबेल

अब वे फिर से चुनाव लड़ने के इच्छुक नजर आ रहे हैं। देखना होगा की भाजपा इनपर भरोसा जताती है फिर किसी और को मौका मिलेगा।