सक्ती जिला

सक्ती इंजीनियर्स डे विशेष : अंचल के युवा लेखक ,रचनाकार – रमाकान्त श्रीवास, इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज साहित मिला है अनेक लेखनी सम्मान

सक्ती। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में ही रहना पसंद करता है। जीवन में अनेकों प्रकार की परिस्थितियां आती और जाती हैं , इन्हीं परिस्थितियों में से व्यक्ति को गुजरना पड़ता है। संघर्ष से ही व्यक्ति निखरता है , जैसे सोना अग्नि की ज्वाला पाकर उसमें चमक आ जाती है, ठीक उसी प्रकार व्यक्ति संघर्ष से ही निखरता है। संघर्ष से ही जीवन में कर्म करने की लालसा और तीव्र होती जाती है। परिस्थितियों का सामना चाहे सुख हो या दुख हो ,दिन हो या रात हो हर परिस्थितियों में अपने को तैयार रखता है । आइए मैं इसी क्रम में आपको ऐसे व्यक्ति से परिचय कराता हूंँ जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में अपने को किस जगह पर पाया है ये शख्स है — इंजिनियर रमाकांत श्रीवास का जन्म बरपाली के समीप सलिहाभाठा जिला कोरबा छत्तीसगढ़ में हुआ। इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा दीक्षा गृहग्राम में ही प्राप्त की । उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई  छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से प्राप्त की तत्पश्चात रायगढ़ के प्रतिष्ठित निजी कंपनी में सहायक इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं ।इनकी साहित्यिक गतिविधियों में अत्यधिक रुचि होने के कारण साहित्य को बढ़ाते हुए आगे बढ़ने का दृढ़ निश्चय किया। इनकी कई रचनाएं  विभिन्न प्रांतों के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं ।इनकी प्रथम काव्य साझा संकलन का विमोचन कोरबा कलेक्टर रानू साहू जी के माध्यम से किया गया। यह साझा संकलन अंतरराष्ट्रीय स्तर ख्याति प्राप्त मानद उपाधि जैसे व्यक्तियों का काव्य संकलन है।आप सभी को बताते हुए हर्ष हो रहा है की रमाकांत श्रीवास का नाम इंडियन बुक आफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है एवं लेखक सम्मान (ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया हैदराबाद चेप्टर) सहित कई अखबारों से लेखनीय सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। रमाकान्त श्रीवास  कोरबा मितान मंच छत्तीसगढ़ के संयोजक एवं संचालक है. इनके द्वारा समाज को शिक्षा व साहित्य में आगे बढ़ाने हेतु कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ की स्थापना की गई है. पेशे से एक इंजी .के साथ -साथ साहित्य के क्षेत्र में एक अहम भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं जो समाज , प्रदेश एवं देश को नई शिखर तक ले जाने में उनका योगदान रहेगा।