सक्ती जिला

सक्ती के पूर्व विधायक डॉ. खिलावन साहू के सुपुत्र डॉ. धनंजय (प्रिंस) ने FMGE परीक्षा में हासिल की बड़ी सफलता

सक्ती। साहू समाज और जिले के लिए गर्व का क्षण तब आया, जब भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री, सक्ती विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं साहू संघ सक्ती जिलाध्यक्ष डॉ. खिलावन साहू व श्रीमती रत्ना देवी साहू के सुपुत्र डॉ. धनंजय साहू (प्रिंस) ने विदेश से MBBS पूर्ण करने के बाद भारत सरकार की Foreign Medical Graduate Examination (FMGE) – जुलाई 2025 बैच की कठिन परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।

कठिन परीक्षा में शानदार प्रदर्शन

FMGE परीक्षा विदेश से MBBS करने वाले विद्यार्थियों के लिए भारत में चिकित्सा व्यवसाय की अनुमति पाने का एकमात्र मार्ग है। इस वर्ष जुलाई 2025 की परीक्षा में कुल 37,207 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से मात्र 7,452 ही सफल हो पाए। शेष 29,327 असफल, 1,168 अनुपस्थित रहे तथा 5 परीक्षार्थियों का परिणाम रोका गया। इस प्रकार सफलता का प्रतिशत केवल 20.02% रहा। इतनी कठिन परिस्थितियों में डॉ. धनंजय ने अपनी लगन और मेहनत से सफलता अर्जित की।

शैक्षणिक सफर

डॉ. धनंजय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गृह ग्राम नगरदा से आरंभ की। इसके बाद चौथी-पांचवीं की पढ़ाई बिलासपुर, छठवीं जांजगीर, सातवीं सक्ती, आठवीं से दसवीं तक बिलासपुर, और हायर सेकेंडरी की पढ़ाई रामपति स्कूल चंद्रपुर से पूरी की।
नीट परीक्षा क्वालीफाई करने के उपरांत उन्होंने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक स्थित एशियन मेडिकल इंस्टीट्यूट से MBBS की पढ़ाई पूर्ण की। वे शुरू से ही मेधावी छात्र रहे और पढ़ाई में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान

विदेश में अध्ययन के दौरान भी डॉ. धनंजय ने भारतीय संस्कृति का परचम लहराया। 26 जनवरी 2024 को किर्गिस्तान में भारतीय राजदूत द्वारा आयोजित विश्व हिंदी दिवस समारोह में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया था।

परिवार की गौरवगाथा

डॉ. धनंजय का परिवार शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र से गहराई से जुड़ा है। उनकी बड़ी बहन डॉ. यशस्वी साहू रायपुर स्थित श्रीबालाजी हॉस्पिटल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, छोटी बहन हेमशिखा साहू बी.एससी एवं फार्मेसी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्तमान में CGPSC की तैयारी कर रही हैं।

गुरुओं और परिजनों के प्रति आभार

अपनी सफलता के लिए डॉ. धनंजय ने अपने माता-पिता, मामा सहित अपने गुरुओं का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने एरईस मेडिकल अकेडमी के संस्थापक डॉ. खलील अहमद, मनोविज्ञान के शिक्षक डॉ. नदीम जफ्फर, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. राजीव धवन और मेडिसिन के शिक्षक डॉ. प्रियांश जैन को अपना मार्गदर्शक मानते हुए कहा कि उनकी शिक्षा व प्रेरणा के बिना यह उपलब्धि संभव नहीं थी।