घर वालों की नजर में ब्वायफ्रेण्ड को योग्य साबित करने के लिए फर्जी अपहरण की कहानी गढ़ी थी लड़की ने

- सक्ती की चौपाटी से सीएचओ अपने प्रेमी संग हो गई थी फरार
सक्ती- अपहरण की झूठी कहानी गढ़ने वाले प्रेमी जोड़े की कहानी का पर्दाफाश हो गया है। अपने परिवार की नजर में अपने प्रेमी को हीरो बनाने के चक्कर में सीएचओ ने ही अपने अपहरण की नाकाम साजिश रची थी और दोनों घर वालों से फिरौती मांग रहे थे। ऐसी कहानी सीएचओ अनुपमा ने इसलिए रची थी कि ताकि घर वाले उसके अपहरण की कहानी सुनकर डर जाएं। उसे पता था 15 लाख की फिरौती कम नहीं है और वह यह जानती भी थी कि उसके घर वाले इतनी बड़ी रकम नहीं दे पाएंगे। उसकी योजना के अनुसार वह दो दिनों बाद घर लौटती और सबको बताती कि उसके प्रेमी ने ही उसे अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचाया है। ऐसे में वह अपने प्रेमी को अपने लिए विवाह के योग्य बताती और घर वालों को शादी के लिए मनाती। लेकिन अब मामला प्रेमी जोड़े की योजना से उलट हो गया है दोनों की शुक्रवार की रात थाने में गुजरी दोनों को पुलिस ने शनिवार को न्यायालय में पेश किया।

यह था मामला-
पुलिस ने चिस्दा निवासी रामनाथ जलतारे की सूचना पर अपराध क्रमांक 265/2024, धारा 364 (ए), 120 बी, 384 भादवि कायम किया था। प्रार्थी की बेटी उप स्वास्थ्य केंद्र सराईपाली में सीएचओ(कम्यूनिटी हेल्थ आफीसर) के पद पर पदस्थ थी। जो अपने छोटे भाई के साथ गुरूवार को सक्ती स्थित चौपाटी आई थी। वहां से एकाएक गायब हो गई थी। पुलिस में एफआईआर के बाद पतासाजी की गई। इसी बीच फिरौती के लिए भी सीएचओ के बड़े भाई के पास कॉल आ रहा था। पुलिस की सक्रियता और एसपी अंकिता शर्मा के निर्देश पर पुलिस ने लड़की को एक लड़के के साथ बिलासपुर के एक होटल से बारामद कर लिया। पुलिस की टीम दोनों को लेकर सक्ती आ गई। जहां पूछताछ के बाद मामले का खुलासा किया गया।
चालाकी से छोटे भाई को चकमा देकर हुई थी फरार-
पुलिस के मुताबिक विवेचना दौरान पाया गया कि अपहृता अनुपमा जलतारे अपने साथी महेन्द्र जांगडे के साथ मिलकर दिनांक 27 जून को लगातार मोबाईल से बात करके षडयंत्र पूर्वक महेन्द्र जांगडे को कोरबा से चौपाटी सक्ती के पास बुलाई और अपने छोटे भाई कालेश्वर को ठण्डा पानी लाने के बहाने भेज दी। जब भाई वापस आया तो वह नही थी। उसके भाई द्वारा फोन लगाने पर फ्लाइट मोड मे करके महेन्द्र जांगडे की नीली सफेद रंग की टी०व्ही०एस० अपाचे बाईक क्रमांक सी. जी 28 एल 0149 में बैठकर बाराद्वार होते हुये बिलासपुर चली गई। रात्रि करीब 09. 38 बजे अनुपमा द्वारा अपने मोबाईल नम्बर से महेन्द्र जांगडे के माध्यम से अपने भाई डेगम्बर को फोन कर 15 लाख की फिरौती की मांग की गई। 28 जून के 11 बजे तक 15 लाख के व्यवस्था करके रखने एवं नही देने पर अनुपमा को मार देने की धमकी दिया गया एवं पैसा छोडने का समय 11 बजे बताना बोला गया।
भाई ने ब्वायफ्रेण्ड को भी किया था फोन, उसने कहा- मुझे भी फिरौती के लिए आया है फोन-
डेगम्बर द्वारा महेन्द्र को फोन लगाने पर उसके मोबाईल में भी अपहरणकर्ता द्वारा पैसे की मांग करना बताया। 28 जून को पुनः अनुपमा के मोबाईल से महेन्द्र जांगडे द्वारा उसके भाई को डेगम्बर को पैसा नही देने पर मार कर बोरी में भेजने की बात कही गई। अनुपमा द्वारा भी अपने भाई को रोते हुये अपने आप को परेशान होने की बात की गई।
तो इसलिए बनाया था अपहरण का प्लान-
विवेचना दौरान इलेक्ट्रानिक डिजिटल एवं मैनुवल साक्ष्य के आधार पर पाया गया की महेन्द्र जांगडे और अनुपमा जलतारे एक साथ थे अनुपमा जानती थी कि उनके घर वाले 15 लाख की ब्यवस्था नही कर पायेंगे। फिर एक दो दिन बाद महेंद्र जांगडे के साथ अपने घर आती और बताती कि अपहरणकर्ताओ को महेंद्र जांगडे पैसा देकर उसे छुडवाया है अपने घरवालो की नजरो मे महेंद्र जांगडे को अपने लिए शादी के लिए उपयुक्त लडका साबित करने के लिए अनुपमा द्वारा झुठी अपहरण एवं फिरौती मांगने की घटना की कहानी षड़यंत्र पूर्वक रचा गया। अपने साथी महेन्द्र जांगडे के माध्यम से 15 लाख की फिरौती मांगी गई। प्रकरण में धारा 120 (बी), 384 भादवि जोडी गई है। एवं दोनों को विधिवत गिरफ्तार किया गया है।
एसपी अंकिता शर्मा की अपील-
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक आईपीएम अंकिता शर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कई बार युवक-युवती अपने परिजनों को परेशान करने के लिए अकारण किसी बचपने में इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं, जिसमें खुद की किडनैपिंग की कहानी रची जाती है।

सभी से अपील करते हुए पुलिस अधीक्षक आईपीएस अंकिता शर्मा ने कहा कि यह अपराध के श्रेणी में आता है और इस प्रकार का कृत्य करने वाले के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है और साथ ही इसमें बेवजह समाज में एक गलत संदेश जाता है और अफवाहें गर्म होती हैं। सभी से अनुरोध करते हुए एसपी ने कहा कि कोई भी इस प्रकार की घटना को अंजाम न दें वरना ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो सकता है।