
जांजगीर-चांपा। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों के बीच जांजगीर-चांपा जिले की बलौदा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए मोबाइल सिम कार्ड जारी कर साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के फरार आरोपी भूपेंद्र दास को रायगढ़ जिले के छाल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
इस मामले में पूर्व में एक आरोपी रामकृष्ण यादव को गिरफ्तार किया जा चुका था, जबकि दूसरा आरोपी भूपेंद्र दास फरार चल रहा था।
मामले का संक्षिप्त विवरण:
थाना बलौदा में दर्ज अपराध क्रमांक 231/25 के अनुसार, आरोपी रामकृष्ण यादव एवं भूपेंद्र दास ने मिलकर धोखाधड़ी पूर्वक अन्य व्यक्तियों के नाम से फर्जी आधार और दस्तावेजों के माध्यम से 18 मोबाइल सिम कार्ड एक्टिवेट कर लाभ प्राप्त किया।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये सिम कार्ड फर्जी नामों से लिए गए थे, जिनका उपयोग विभिन्न साइबर अपराधों में हो सकता था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल प्रकरण दर्ज कर धारा 420 भादवि एवं 66(C) आईटी एक्ट के तहत मामला विवेचना में लिया।
गिरफ्तारी की कार्रवाई:
प्रकरण में आरोपी रामकृष्ण यादव को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया था, जबकि उसका साथी भूपेंद्र दास (उम्र 24 वर्ष, निवासी पुरुंगा, थाना छाल, जिला रायगढ़) फरार था।
बलौदा पुलिस लगातार आरोपी की तलाश में लगी थी। इसी दौरान मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर थाना प्रभारी राजीव श्रीवास्तव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रायगढ़ जिले के छाल क्षेत्र में दबिश देकर आरोपी को धर दबोचा।
पूछताछ में भूपेंद्र दास ने जुर्म कबूल किया, जिसके बाद उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे **न्यायिक रिमांड परलिया गया है।
जांच टीम का सराहनीय योगदान:
इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में निम्न पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही:
निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव, थाना प्रभारी बलौदा
प्रधान आरक्षक गजाधर पाटनवार
आरक्षक रूपेश डहरिया इनकी सतर्कता, मेहनत और संयुक्त प्रयासों से साइबर अपराध के इस प्रकरण में फरार आरोपी को पकड़ना संभव हुआ।
पुलिस की अपील:
जांजगीर-चांपा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने आधार, पैन व अन्य पहचान पत्रों को सुरक्षित रखें और किसी अनजान व्यक्ति या दुकान से सिम कार्ड लेते समय आवश्यक सतर्कता बरतें।
फर्जी दस्तावेजों से सिम लेना या देना एक गंभीर अपराध है, और इसमें संलिप्त पाए जाने पर आईटी एक्ट और IPC की धाराओं में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।