सक्ती जिला

तहसीलदार पर फर्जी वीडियो से लगाया रिश्वत का आरोप, राजनीतिक षड्यंत्र के हुए शिकार

जैजैपुर। 10 जुलाई 2025। जैजैपुर तहसील कार्यालय में कार्यरत तहसीलदार नंदकिशोर सिन्हा को एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत बदनाम करने की कोशिश सामने आई है। राजस्व प्रकरण की सुनवाई के दौरान ‘सेवा शुल्क’ के वैधानिक उल्लेख को छेड़छाड़ कर रिश्वत का रूप दे दिया गया और इसका निजता भंग करने वाला वीडियो वायरल किया गया जिसका रिश्वत से दूर दूर तक सम्बन्ध नहीं दीखता है
तहसीलदार का कहना है कि यह वीडियो सरकारी शिक्षक दिलीप चंद्रा द्वारा सुनियोजित तरीके से बनाया गया, जो कि स्थानीय दबंग जो कि स्थानीय चंद्रा जाति के नेता और ज़मीन दलाल से गहरे सम्बन्ध है वो भी अपने अविधिक लालसा पूरी नहीं होने से असंतुष्ट थे जिन्होंने मौक़े पर चौका मारा
क्या है पूरा मामला
तहसील न्यायालय में एक भूमि विवाद से जुड़ी सुनवाई के दौरान तहसीलदार एन के सिन्हा ने दोनों पक्षों के बीच आपसी राजीनामा की प्रक्रिया में आवश्यक स्टाम्प सेवा शुल्क (स्टाम्प ड्यूटी) का उल्लेख किया था। इस वार्ता को छिपे कैमरे में रिकॉर्ड कर सेवा शुल्क को “रिश्वत” के रूप में प्रस्तुत किया गया।

बताया जा रहा है कि अनावेदक दिलीप चंद्रा ने समझौते की प्रक्रिया को स्वीकार करते हुए मौखिक सहमति दी थी, लेकिन बाद में यह कहकर पीछे हट गया कि उस पर दबाव था। सुनवाई के दिन ही तहसील न्यायालय में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज को जानबूझकर फाड़ दिया गया, जिसकी शिकायत तहसीलदार ने तुरंत जैजैपुर थाना में की।

पुलिस रही मूकदर्शक, FIR दर्ज नहीं

तहसीलदार ने जब दस्तावेज फाड़े जाने व न्यायालय की अवमानना की शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, तो पुलिस ने मामले की गंभीरता के बावजूद अब तक FIR दर्ज नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कर्मियों पर स्थानीय राजनैतिक हस्तियों का दबाव बना हुआ है, जिसके चलते कार्रवाई में देरी हो रही है।

तहसीलदार का पक्ष

तहसीलदार नंदकिशोर सिन्हा ने कहा,

“मेरे खिलाफ बनाई गई यह वीडियो पूरी तरह भ्रामक और तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत की गई है। मैंने सिर्फ कानूनी प्रक्रिया के तहत राजीनामा में लगने वाले शुल्क की जानकारी दी थी। यह सीधे-सीधे एक राजनीतिक षड्यंत्र है। मैं इसकी शिकायत जिला कलेक्टर व उच्च न्यायिक अधिकारियों से कर चुका हूं और न्याय की उम्मीद करता हूं।”
कानूनी धाराओं के अंतर्गत मामला बनता है
इस पूरे घटनाक्रम में आरोपीगण पर भारतीय दंड संहिता की निम्नलिखित धाराएं लगाई जा सकती हैं:

धारा 204 IPC – न्यायिक दस्तावेज नष्ट करना

धारा 120B IPC – आपराधिक साजिश

धारा 167 IPC – सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध झूठा रिकॉर्ड बनाना

धारा 500 IPC – मानहानि

धारा 505(2) IPC – द्वेष फैलाने का प्रयास
धारा ———- निजता भंग

जनता और कर्मचारियों में रोष व्याप्त है घटना से तहसील कार्यालय के कर्मचारियों भय का माहौल है।
ज्ञात हो कि पूर्व मे जैजैपुर मे तहसीलदार को महेंद्र चंद्रा और अन्य के द्वारा मार पीट की जा चुकी जिन्हे सजा हो चूका है इस घटना मे भी उनका भूमिका बताया जा रहा है
ऐसे माहौल मे किसी भी अधिकारी को निष्पक्ष दायित्व के निर्वहन करने कि बड़ा चुनौती है तब चुनौती और बड़ी हो जाती है ज़ब उच्च अधिकारी राजनितिक दबाव मे काम करें।

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