सक्ती नगर

सक्ती नगर पालिका चुनाव : कॉंग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृत डालमिया ने भी दिया इस्तीफा, कहा – श्याम सुंदर को टिकट नहीं देने के निर्णय से गहरी पीड़ा और निराशा हुई

सक्ती। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृत डालमिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस फैसले ने शहर के राजनीतिक परिदृश्य में काफी हलचल मचा दी है और कई लोगों को इस अप्रत्याशित कदम के पीछे के कारणों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। रायपुर में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष को संबोधित एक भावपूर्ण त्यागपत्र में डालमिया ने अपनी गहरी पीड़ा और निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह भारी मन से अपना इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि वह हमेशा पार्टी संगठन के प्रति समर्पित और वफादार रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी, निष्ठा और कड़ी मेहनत के साथ पूरा किया है। हालांकि, डालमिया का इस्तीफा गर्म राजनीतिक माहौल के बीच आया है, खासकर हाल ही में होने वाले नगर पालिका चुनावों से पहले अपने पत्र में उन्होंने अपने इस्तीफे के कारणों में से एक के रूप में सक्ती नगर पालिका परिषद चुनाव में श्यामसुंदर अग्रवाल को टिकट न देने के पार्टी के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने इस फैसले से अपनी पीड़ा और असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह निष्पक्षता और न्याय के उनके सिद्धांतों के खिलाफ है। डालमिया के इस्तीफे से कुछ लोगों की भौंहें तन गई हैं, क्योंकि वे कई वर्षों से नगर के राजनीतिक क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं। उनके अचानक इस निर्णय से कई लोगों के मन में सक्ती में पार्टी के भविष्य और आगामी चुनावों पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के बारे में सवाल उठ रहे हैं। अपने इस्तीफे के बावजूद, डालमिया ने यह स्पष्ट किया कि वे अभी भी कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों का सम्मान करते हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे भविष्य में भी जनता और व्यापारियों की बेहतरी के लिए काम करना जारी रखेंगे, जैसा कि उन्होंने हमेशा अतीत में किया है। यह बयान पार्टी के मूल मूल्यों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और सक्ती के लोगों की सेवा के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। अंत में, अमृत डालमिया के इस्तीफे ने सक्ती के राजनीतिक परिदृश्य में, विशेष रूप से सक्ती में काफी हलचल मचा दी है। उनके पत्र में निराशा और आहत का भाव व्यक्त किया गया है, जो पार्टी के फैसले के उन पर पड़ने वाले प्रभाव को और उजागर करता है। जैसे-जैसे स्थिति सामने आएगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी और उसके सदस्य घटनाओं के इस अप्रत्याशित मोड़ पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।