पर्याप्त फण्ड और संसाधन उसके बावजूद जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल में गंदगी और अव्यवस्था का साम्राज्य, कचरे का अंबार, मरीज परेशान, भटकते हैं मरीज नहीं मिलते डॉक्टर, जिम्मेदार बनें मूक-बधिर

सक्ती- जिला मुख्यालय का सरकारी अस्पताल इन दिनों खुद वेंटिलेटर पर नजर आ रहा है। लोगों के उपचार की महज औपचारिकता भर पूरी की जा रही है। सक्ती सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को अभी स्वयं इलाज की जरूरत इन दिनों यह लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इस अस्पताल की हालत इतनी बद से बदतर हो गई है कि यहां हर गंदगी का अंबार लगा हुआ है, यहां स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। मरीज गंदगी और दुर्गंध के बीच उपचार करने को मजबूर है। हॉस्पिटल के वार्ड रूम, बाथरूम, हॉल सहित अस्पताल परिसर में गंदगी फैली हुई है, जिससे लोग गंदी बदबू से परेशान है साथ उनके ऊपर संक्रामक बीमारियां होने का भय बना हुआ है। अस्पताल आने-जाने वालों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस मामले में अस्पताल के अधिकारी कर्मचारी पूरी तरह से निष्क्रिय दिखाई दे रहे हैं, जिसका खामियाजा मरीजों सहित आमजन को भुगतना पड़ रहा है।

सीएमएचओ जहां रहते हो वहीं हो गंदगी तो किससे करें शिकायत –
आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि इसी अस्पातल में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी रहते है बावजूद इस अस्पातल में गंदगी का अंबार लगा है, तो आप सोच सकते है कि जिले के अन्य अस्पतालों का क्या हाल होगा।

रोजना आते है सैकड़ों मरीजों-
नगर के अस्पताल में सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहर के लोग उपचार कराने के लिए आते हैं। ओपीडी समय में काफी संख्या में मरीज उपचार कराने के लिए आ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में पसरी गंदगी से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है, बावजूद इसके जिम्मेदार लोग इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। परिसर में कई स्थानों पर गंदगी पड़ी रहती है। पूरा अस्पताल सड़ रहा है।

गायों के लिए हो रहा घातक-
अस्पताल में कचरा को व्यवस्थित करने के लिए कोई निश्चित स्थान की व्यवस्था नहीं किया गया। अस्पताल परिसर में मेडिकल कचरा डाला जा रहा है और इसकी सुरक्षा नहीं की जा रही है। दरवाजे खुले होने के कारण इसे गाय खा रही हैं जिसे बीमारियां होने की संभावना है।

जिलेवासियों की उम्मीदों पर खरा उतर नहीं पा रहा जिला मुख्यालय का सीएचसी-
सक्ती जिला बनने के बाद जिलेवासियों को उम्मीद थी कि जिला मुख्यालय का यह सीएचसी अस्पातल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सकेगा, लेकिन इन दिनों मरीजों को स्वस्थ होने की जगह पर बीमार होने का डर सता रहा है। जिला मुख्यालय के अस्पताल में गंदगी के साथ ही अव्यवस्था का आलम है।
एकमात्र लिफ्ट वह भी कई से दिनों बंद-
अस्पताल में मरीजों को सुविधा के लिए लगाए गए लिफ्ट विगत कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है, वहीं आग बुझाने के लिए फायर होस कैबिनेट का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा फर्स सफाई के लिए फ्लोर क्लिंनिंग मशीन और कचरे रखने के लिए उपलब्ध डसबीन का उपयोग किया जा रहा है। इससे स्पष्ट है, कि पर्याप्त सुविधा के बावजूद भी साफ-सफाई को लेकर लापरवाही की जा रही है।


स्वच्छता का पर्याप्त साधान व कर्मचारी होने बावजूद यह हाल-
आपको बता दें कि अस्पताल में साफ-सफाई के लिए फ्लोर क्लिंनिंग मशीन सहित अन्य उपकरण है साथ ही पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी भी पदस्थ है, बावजूद अस्पताल में गंदगी का अंबार होने लापरवाही को साफ दर्शाती है।


आए दिन डॉक्टरों के नहीं मिलने की शिकायतें-
यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों को डॉक्टर तक नसीब नहीं होते हैं। कई बार लोग जिला अस्पताल समझकर यहां आते हैं लेकिन उन्हें यह जानकार वापस आना पड़ जाता है कि ड्यूटी पर कोई डाक्टर नहीं है। इस प्रकार शिकायतें यहां से आना अब आम बात हो चुकी है। सबसे खास बात यह है कि इन डाक्टरों की अनुपस्थिति की जानकारी सीएमएचओ को भी नहीं होती है। उनसे जब इस बात की जानकारी ली जाती है तो वे भी दिखवाने की बात करते हैं। इससे जिला अधिकारी की लापरवाही साफ दिखाई देती है।
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अभी जिला चिकित्सालय अभी नहीं बना है। सीएचसी ही है, डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं रहने की शिकायतें मिलती है। बीएमओ को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। वे कभी राउंड नहीं लगाते। सीएचसी बीएमओ देखते हैं। फिर भी जितना हो सके बेहतर करने की कोशिश करेंगे क्योंकि सक्ती के जिला बनने के बाद से आमजन की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं।
डॉ. कृपा सिंह कंवर
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
जिला-सक्ती
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