सेवा सहकारी समितियों में कंप्यूटर ऑपरेटरों की आउट सोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति का मामला उच्च न्यायालय में अटका, तो वही टेंडर प्रक्रिया समाप्ति की ओर

– संघ की उग्र प्रदर्शन की संभावना
सक्ती। सेवा सहकारी समितियों में जो कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति पुरानी पद्धति में संविदा आधार पर की जाती थी, जिसको शासन द्वारा इस वर्ष आउटसोर्स द्वारा करने की कार्यवाही की जा रही है । जिसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है , शासन टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति होगी जिसका कुछ दिनों पूर्व विज्ञापन जारी किया गया था जिसमें विज्ञापन में ठेका कंपनियों से आवेदन मंगाए गए थे, इस पूरे मामले में ऑपरेटर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष – मीनाक्षी यादव , जिला सक्ती के अध्यक्ष – पुरुषोत्तम बरेठ , बिलासपुर जिले के कार्यकारिणी सदस्य – सुनील कश्यप एवं आनंद सिंगरौल द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. इस पूरे मामले में उच्च न्यायालय की ओर से फैसले का इंतजार में है.
कर्मचारी संघ फिर से हो रहा एकजुट-
एक ओर शासन स्तर से टेंडर प्रक्रिया समाप्ति की कगार पर है तो वहीं इधर पूरे प्रदेश में एक बार फिर कर्मचारी संघ एकजुट होता नज़र आ रहा है, बताते चले कि समितियों में कर्मचारी जो नियुक्त हैं उन्हें नियमितीकरण की मांग व वेतन वृद्धि मांग से पूरा प्रदेश पूर्व में दहल उठा था जिसमें शासन स्तर पर उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों लेकिन नियमितीकरण व वेतन वृद्धि करने हेतु आश्वासन दिया हुआ था, लेकिन नियमितीकरण व वेतन वृद्धि तो दूर उनके साथ और बुरा बर्ताव किया जा रहा है एवं वहीं कोई निश्चित विभाग तय नही होने को लेकर भी दिल्ली तक फरियाद किया गया है जिसमें खाद्य विभाग को लेटर भी जारी हुआ है. पुरुषोत्तम बरेठ ने कहा कि इस बार धान खरीदी ऑपरेटर्स आर पार की लड़ाई के मूड में हैं और उनकी मांग भी एक मायने में जायज भी है क्योंकि 18 वर्ष तक कम वेतन में काम करने के बाद अचानक आउट सोर्स करने से उनका भविष्य अंधकारमय होने की संभावना है, शासन का इस प्रकार का लिया गया निर्णय दोहरी मानसिकता को दर्शाता हैं ।।