
भूस्खलन से वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों में भारी तबाही हुई है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। राहत तथा बचाव कार्य के लिए बुधवार का दिन अहम होने जा रहा है, लेकिन खराब मौसम का कारण परेशानी आ सकती है। केंद्र सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
वायनाड। केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद तबाही का मंजर है। चार गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। केरल स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 143 लोगों के मरने की पुष्टि कर दी है। 3000 लोगों को बचाया गया है, जबकि अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
मंगलवार को ही राहत तथा बचाव के काम में सेना को लगा दिया गया था। वहीं केरल में आज भी भारी बारिश का अलर्ट है। स्कूल और कॉलेज में छुट्टी घोषित की गई है। पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के वायनाड जाने की योजना थी, लेकिन खराब मौसम के कारण दोनों ने दौरा रद कर दिया है।

हर तरफ बर्बादी का मंजर
प्राकृतिक सौंदर्य वाले केरल के इस पहाड़ी क्षेत्र में अब चारों तरफ तबाही है
बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के क्षत-विक्षत अंग मिल रहे हैं।
मंगलवार सुबह पहाड़ी दरकने की घटनाएं उस समय हुई जब लोग नींद में थे।
पहला भूस्खलन रात करीब 2 बजे हुआ।
तड़के सवा 4 बजे अगला सैलाब आया।
रिहायशी इलाकों समेत चारों तरफ पानी और मलबा ही नजर आ रहा है।
कई वाहन पानी में बहते नजर आए। कई लोग सोते-सोते ही बाढ़ में बह गए।
