धान खरीदी में 19 लाख का गबन करने वाले समिति के अध्यक्ष एवं खरीदी केन्द्र प्रभारी को तीन तीन वर्ष के कारावास की सजा

- 40 कि.ग्राम की जगह 29 कि ग्रा. की बोरी में रखा जाता था धान को
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रैट न्यायालय सक्ती का फैसला
सक्ती- वर्ष 2013-14 में सेवा सहकारी समिति दर्राभांठा के प्रभारी अध्यक्ष रामायण साहू एवं खरीदी केन्द्र प्रभारी देवेन्द्र साहू एवं उसके पिता गोपाल साहू के द्वारा मिलकर तौल में गड़बड़ी कर तथा 86 किसानों के द्वारा लाए गए 3264 बोरा धान को कम्प्यूटर में इंद्राज नही कर गायब करने के मामले में लगभग कुल 19 लाख रू० का गबन व धोखाधडी करने के मामले में न्यायालय श्रीमती गंगा पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती जिला सक्ती के द्वारा आरोपी रामायण साहू एवं देवेन्द्र साहू को 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5-5 हजार रू. के जुर्माने से दंडित किया गया है। जबकि आरोपी गोपाल साहू को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया गया । इस संबंध में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला सक्ती अरविन्द कुमार जायसवाल ने बताया कि वर्ष 2013-14 में किसानों के द्वारा शिकायत की गई थी कि उनके द्वारा समिति को विक्रय किए गए धान के रकम का भुगतान नही हुआ है तथा धान की अफरातफरी की जा रही है। जिस पर विमल दुबे खाद्य अधिकारी, के. पी. कर्ष जिला विपणन अधिकारी, व्ही.के तिवारी उप पंजीयक सहकारी संस्था के द्वारा संयुक्त जांच दल बनाकर सेवा सहकारी समिति दर्राभांठा के द्वारा किए जा रहे धान खरीदी केन्द्र का निरीक्षण कर जांच किया गया। जिसमें मौके पर 1955 बोरा धान का तौल किया गया। जिसमें मानक वनज 40 कि.ग्रा. के स्थान पर 29 कि.ग्रा. होना पाया गया तथा उपस्थित किसानों के द्वारा भी समिति को बेचे गए धान का रकम प्राप्त नही होना बताया गया।
जांच दल ने पाया गड़बड़ी हुई है, बाराद्वार में मामला हुआ था पंजीबद्ध-
जांच दल के द्वारा बारीकी से दस्तावेजों एवं फड में मौजूद धान का भौतिक सत्यापन करने पर पाया गया कि सेवा सहकारी समिति दर्राभांठा के प्रभारी अध्यक्ष रामायण साहू एवं खरीदी केन्द्र प्रभारी देवेन्द्र साहू एवं उसके पिता गोपाल साहू के द्वारा मिलकर तौल में गडबडी कर तथा 86 किसानों के द्वारा लाए गए 3264 बोरा धान को कम्प्यूटर में इंद्राज नही कर गायब करने के मामले में कुल 19 लाख रू० का गबन व धोखाधडी किया गया है। उक्त संबंध में पंचनामा एवं अन्य कार्यवाही कर घटना की सूचना थाना बाराद्वार को दी गई। जिस पर थाना बाराद्वार के द्वारा अपराध क्रमांक 113 / 2014 दर्ज कर विवेचना प्रारंभ किया गया। जिसमें सहकारी समिति दर्राभांठा के प्रभारी अध्यक्ष रामायण साहू, खरीदी केन्द्र प्रभारी देवेन्द्र साहू तथा उसके पिता गोपाल साहू की संलिप्तता पाई गई। जिस पर साक्ष्य संकलित कर आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले में न्यायालय श्रीमती गंगा पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सक्ती जिला सक्ती के समक्ष सुनवाई हुई। जिसमें न्यायालय द्वारा आरोपी रामायण साहू एवं देवेन्द्र साहू के विरूद्ध आरोप को सिद्ध पाए जाने पर धारा 409 भा.द.वि. के अंतर्गत 03-03 वर्ष के कारावास एवं 05-05 हजार रू. के जुर्माने से दंडित किया गया। जबकि आरोपी गोपाल साहू को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया। प्रकरण में विवेचना सहायक उप निरीक्षक टी.डी. कोशले के द्वारा किया गया था ।