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दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन: झारखंड आंदोलन के स्तंभ को देश ने खोया

दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में ली अंतिम सांस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बोले – “मैं शून्य हो गया हूं”

रांची/नई दिल्ली।झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का सोमवार सुबह निधन हो गया। 81 वर्षीय सोरेन ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन की पुष्टि उनके पुत्र एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। शिबू सोरेन लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट करते हुए कहा, “मेरे पिता, दिशोम गुरु, झारखंड की आत्मा थे। आज मैं शून्य हो गया हूं। यह सिर्फ मेरा व्यक्तिगत नुकसान नहीं, बल्कि पूरे राज्य और आदिवासी समाज की अपूरणीय क्षति है।”

आदिवासी अस्मिता के अग्रदूत थे शिबू सोरेन

शिबू सोरेन को झारखंड के जनांदोलन का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना कर न केवल पृथक राज्य के गठन में ऐतिहासिक भूमिका निभाई, बल्कि आदिवासी समाज के हक और अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उन्हें ‘दिशोम गुरु’ यानी जनजातीयों के पथप्रदर्शक के रूप में सम्मान दिया जाता रहा।

उन्होंने तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। केंद्र सरकार में वे कोयला मंत्री सहित कई अहम पदों पर भी रहे। संसद में आदिवासी मुद्दों की जोरदार पैरवी करने के लिए वे हमेशा जाने जाते थे।

अस्पताल में इलाज के दौरान बिगड़ी हालत

जानकारी के अनुसार, जून 2025 के अंत से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और अन्य शारीरिक जटिलताओं के चलते दिल्ली लाया गया था। बीते कुछ दिनों से वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल संतोष गंगवार समेत कई नेताओं ने अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना था।

अंतिम दर्शन के लिए रांची लाया जाएगा पार्थिव शरीर

शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज देर शाम तक विशेष विमान से रांची लाया जाएगा। रांची में मोरहाबादी स्थित झामुमो कार्यालय में आम जनता को अंतिम दर्शन की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।


राजकीय शोक की घोषणा संभव
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संकेत दिए हैं कि राज्य सरकार द्वारा शिबू सोरेन के सम्मान में राजकीय शोक की घोषणा की जा सकती है। पूरे राज्य में शोक की लहर है और झामुमो कार्यालयों में झंडे झुका दिए गए हैं।


राजनीतिक हस्तियों की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित अनेक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

“शिबू सोरेन जी का जाना एक युग का अंत है। वे आदिवासी समाज की आवाज थे। राष्ट्र उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।”
— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (ट्वीट के माध्यम से शोक संदेश)


➤ विशेष तथ्य:

  • जन्म: 11 जनवरी 1944, रामगढ़ (झारखंड)
  • राजनीति में प्रवेश: 1969 में झामुमो की स्थापना
  • मुख्यमंत्री कार्यकाल: तीन बार
  • संसद सदस्यता: कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे
  • प्रमुख उपलब्धि: झारखंड राज्य गठन आंदोलन के अग्रणी नेता

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