सक्ती जिला

सक्ती में इस बार भी नहीं होगा दशहरे का सार्वजनिक कार्यक्रम, नए जिले के मुख्यालय में नगरवासियों को हाथ लगी निराशा

0 दो सालों पहले हुआ था अंतिम आयोजन, इस साल भी नगरवासियों को निराशा हाथ लगी है 

सक्ती। संपूर्ण भारतवर्ष में विजयदशमी का पर्व 5 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। लेकिन नवीन जिला सक्ती में इस वर्ष दशहरे को लेकर कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा। विगत 10 वर्षों से मुख्यालय में कोई निरंतर कार्यक्रम दशहरे को लेकर नहीं हुए। पहले नगर पालिका के द्वारा सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन पंडित दीनदयाल स्टेडियम में किया जाता रहा है। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष नरेश गेवाडीन के कार्यकाल में भी दशहरे का बेहतरीन कार्यक्रम हुआ था। लेकिन 2013 से नगर पालिका ने दशहरा के कार्यक्रम कराने से अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद 2018 में मारवाड़ी युवा मंच ने तथा 2019 में विराट दशहरा उत्सव समिति ने मनीष कथूरिया के नेतृत्व में पंडित दीनदयाल स्टेडियम में दशहरा का आयोजन किया था तथा यहां विशाल रावण के पुतले का दहन किया गया था। इसके बाद कोरोना काल 2020 एवं 2021 में कोई आयोजन नहीं हुआ। क्योंकि 2022 में सक्ती जिला का रूप धारण कर चुका है लोगों को उम्मीद थी कि इस वर्ष दशहरे का शानदार आयोजन होगा लेकिन जिला मुख्यालय में रहने वाले लोगों को निराशा हाथ लगी है। ना तो प्रशासनिक अमले के द्वारा कोई सार्वजनिक आयोजन किया जा रहा है। ना ही किसी भी प्रकार के आयोजन समिति ने ऐसा कोई कार्यक्रम तय किया है जिसमें विशाल रावण के पुतले का दहन होगा। निरंतर 3 वर्षों से दशहरे का सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो रहा है केवल गली मोहल्लों में बच्चों के द्वारा रावण के पुतले का दहन होगा। 

लोगों में रहता है काफी उत्साह, सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होने से निराशा लगी हाथ –

नगर के बाजार ग्राउंड पंडित दीनदयाल स्टेडियम में होने वाले दशहरे के आयोजन को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहता है। विभिन्न प्रकार के खाद्य सामग्रियों के लगने वाले ठेले तथा कवि सम्मेलन या अन्य किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से नागरिकों को एक सुंदर माहौल मिलता है। लेकिन लगातार तीन वर्षों से आयोजन नहीं होने के कारण नगर वासियों को निराशा हाथ लगी है। सार्वजनिक कार्यक्रम को लेकर ना तो प्रशासन सामने आया और रही किसी भी प्रकार की संस्था या समिति ने दशहरा कार्यालय का बीड़ा उठाया। कुल मिलाकर इस वर्ष दशहरे के पर्व में लोगों को निराशा हाथ लगी है। 

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किसी भी संस्था या समिति ने दशहरे के सार्वजनिक आयोजन के लिए अनुमति नहीं ली है। प्रशासन भी दशहरे का आयोजन नहीं कर रहा है। 

शिवकुमार डनसेना

नायब तहसीलदार, सक्ती