सक्ती विधानसभा : डॉ.खिलावन की छवि ने आलाकमान को किया टिकट देने को मजबूर, संगठन, समाज और जनता के बीच पैठ ने किया आकर्षित, अब कमल खिलाने की जिम्मेदारी है डॉक्टर साहब के कंधे पर. देखिए क्या कहता है समीकरण ?

सक्ती। भाजपा ने डॉ. खिलावन साहू को सक्ती विधानसभा से अपना प्रत्याशी बना दिया है। लगातार क्षेत्र और संगठन में जिस प्रकार डॉ खिलावन की धमक रही है उसका फायदा उन्हें मिला है। अब विधानसभा में कमल खिलाने के लिए वे तैयार हैं। टिकट मिलने के बाद खिलावन साहू ने कहा पार्टी आलाकमान ने जिस प्रकार उन पर भरोसा जताया है वे उस पर खरे उतरेंगे।

सक्ती को जमीन से जुड़ा हुआ नेता चाहिए। लोगों के सुख दुख में साथ देने वाला नेता चाहिए। जो कभी सक्ती में दिखाई न दे ऐसा नेता नहीं चाहिए। डॉ खिलावन ने कहा कि क्षेत्र की जनता का अभूतपूर्व प्यार उन्हें मिल रहा है सभी मिलकर एक बार फिर भाजपा को जिताएंगे।
तो इसलिए भाजपा ने खिलावन को उतारा मैदान में –
डॉ खिलावन साहू 2018 के बाद से लगातार विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय बने हुए थे। संगठन में उन्होंने अपने काम के बल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई। सक्ती विधानसभा क्षेत्र में उनकी छवि साफ है पांच साल विधायक रहते कोई ज्यादा दाग इनपर नहीं लगा।

इतना ही नहीं स्थानीय संगठन के साथ अच्छा तालमेल और साहू समाज में जिलाध्यक्ष के नाते अच्छी पकड़ ने उनको टिकट दिलाने में अहम योगदान दिया।
इस बार जीतने की क्या है संभावनाएं –
भारतीय जनता पार्टी ने इस बार सोच समझकर अपना प्रत्याशी तय किया है। इस बात की पूरी संभावना है कि कांग्रेस की ओर से विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत सक्ति से चुनाव के मैदान में होंगे। डॉ चरणदास महंत के सबसे करीबी नेताओं में से एक मनहरण राठौर इन दिनों उनसे नाराज चल रहे हैं।

इतना ही नहीं 2018 के चुनाव में महल का समर्थन डॉ. चरण दास महंत को प्राप्त हुआ था, इस बार महल भी डॉ. महंत से नाराज नजर आ रहा है। खुले रूप से उनका विरोध कर रहा है। जिस प्रकार कांग्रेस कई खेमों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। इससे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की राहआसान नजर नहीं आ रही है। इतना ही नहीं इसका फायदा डॉ. खिलावन साहू को मिल सकता है और खिलावन साहू की जीत की संभावनाओं को कमतर नहीं आंका जा सकता।
