
• छत्तीसगढ़ से 870 अभ्यर्थी अब तक बन चुके हैं अग्निवीर
• 5,532 युवा जांजगीर-चांपा की रैली में हुए थे शामिल
• आरक्षक, वनरक्षक, जेल प्रहरी की नियुक्तियों में प्राथमिकता
रायपुर । कारगिल विजय दिवस के मौके पर राज्य की साय सरकार ने अग्निवीरों के लिए बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा में घोषणा की कि राज्य के अग्निवीर जब सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें राज्य की पुलिस सेवा में आरक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस आरक्षक, वनरक्षक, जेल प्रहरी की भर्ती में अग्निवीरों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। उनके लिए एक निश्चित आरक्षण की सुविधा के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश राज्य सरकार शीघ्र ही जारी करेगी।

राज्य से अब तक बने इतने अग्निवीर-
प्रदेश से अब तक 870 अभ्यर्थी अग्निवीर बन चुके हैं। दिसंबर 2023 में जांजगीर-चांपा में भर्ती हुई थी। इसमें 5,532 युवा शामिल हुए थे। इसमें इनका चयन जीडी आरक्षक, तकनीकी, ट्रेड्समैन के लिए हुआ था।

भाजपा शासित अन्य पांच राज्यों ने की घोषणा।
अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष के हमलों के बीच छत्तीसगढ़ के साथ ही भाजपा शासित पांच अन्य राज्यों ने भी अग्निवीरों के शौर्य का सम्मान करते हुए उन्हें अपने यहां निकलने वाली भर्तियों में विशेष प्राथमिकता देने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के डा. मुख्यमंत्री मोहन यादव, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आरक्षण देने की घोषणा की है।

यह है अग्निपथ योजना
16 जून 2022 को केंद्र सरकार अग्निपथ योजना लाई थी। इसमें वर्ष में दो बार रैली के जरिये थल सेना, जल सेना और वायु सेना में चार वर्ष के लिए जवानों को भर्ती किया जाता है। चार वर्ष बाद कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाती है।
इसमें मेरिट में आने वाले 25 प्रतिशत जवानों को आगे भी नियमित रखा जाता है बाकी की सेवाएं खत्म कर दी जाती हैं। अग्निवीर बनने के लिए 17.5 वर्ष से 21 वर्ष तक की आयु होना आवश्यक है। 10वीं पास होना जरूरी है। अग्निवीरों को 12वीं के समकक्ष शिक्षा का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।